KASAK/कसक - Madhusudan Singh
Image Credit : Google प्रेम हमने किए हम निभाते रहे, जिसने की ही नहीं आजमाते रहे, तोड़ रिश्ते गए वे जो अपने ना थे, ख्वाब वे मेरे,हम उनके सपने ना थे, फिर भी सपनों में उनको बुलाते रहे, प्रेम हमने किए हम निभाते रहे। दर्द इतनी सी है क्या खता थी मेरी, कसमें,वादे-तलक क्यों वफ़ा …